CASE STUDIES OF ENERGY VAASTU SERIES-2


क्या भगवान की मूर्ति भी नकारात्मक ऊर्जा दे सकती है??

CASE STUDIES OF ENERGY VAASTU SERIES-2
उम्मीद है आपनें कछुऐ वाला पिछला आर्टिकल पढ़ा होगा, आज पढ़े एनर्जी वास्तु की शोध से जुड़ा ये दूसरा आर्टिकल। बहुत सी घर और फैक्ट्री की स्कैनिंग में मैंने भगवान की मूर्तियों में जो ऊर्जा का अंतर पाया, उस पर ये लेख है।
विवेक
★ जहा भाव है, वहां भगवान हैं।
जी हाँ ये वाक्य पूर्णतः सत्य है, पूजा घर मे यदि किसी भगवान की मूर्ती में आपका भाव नही है, तो वो ऊर्जा प्रवाह को बाधित कर देती है। तो जिस जिस भगवान में आपका भाव है वैसी ही मुर्तिया रखें।
★ खंडित मुर्तिया नकारत्मक ऊर्जा देती है, उसे कभी न रखें, जितना जल्दी हो विसर्जित कर दे।
★ कांच की मूर्तियां ज़्यादातर ऊर्जा के प्रवाह को बिगाड़ देती है, उसका उपयोग पूजा घर, और व्यापारिक स्थल में बिल्कुल ना करे।
एक दुकान में सामने में ही गणेश की पारदर्शक कांच की मूर्ति लगी थी, जो उस स्थान के ऊर्जा मंड़ल को बिगाड़ रही थी, पैसे की स्थिरता नही थी, और ग्राहक बहुत मोलभाव करते थे, उसको उस स्थान से हटाने के बाद बहुत अच्छे परिणाम मिलने लगे।
★ मुर्तिया या फ़ोटो अपने मूल भाव से अलग हो तो उसका प्रभाव नही रहता। लोग कला के नाम पर भगवान के मूल स्वरूप को विकृत कर देते है, सबसे ज़्यादा गणेश जी के स्वरूप का ऐसा कला के नाम पर लोग करते है। अलग अलग स्वरूप के गणेश की मूर्तियां या फ़ोटो जो सिर्फ सजाने के लिए उपयोग में आती है, वैसी मूर्ति की पूजा ना करे।
★ भगवान की मूर्ति और मानव देह धारी गुरु मंडल को पूजा घर मे एक साथ ना रखे, गुरु का अलग से स्थान बना के रखें। जो सिर्फ और सिर्फ गुरु को ही इष्ट मानते है, वो गुरु की ही फ़ोटो या मूर्ति रखे अकेले।
★ भगवान की मूर्ति के साथ, यक्ष, (Angel) पितर, गन्धर्व अलग अलग योनी की मूर्तियां ना रखे, आप इन्हें अलग अलग रख सकते है। मैंने पहले भी इससे संबंधित पोस्ट की थी।
★ फैक्ट्री में विश्वकर्मा की मूर्ति या फ़ोटो सम्मान के साथ रखें।
मैंने बहुत सी जगहों में मशीनों के पास विश्वकर्मा की फ़ोटो को टंगे पाया बुरी हालात में, उस स्थान में मशीनों में दिक्कत आते ही रहती थी, और बिजली से रिलेटेड समस्या रेगुलर आती थी। उसको सही सम्मान देकर एक स्थान में जब रखा गया बहुत जल्द सुधार आने लगा।
★ किसी दुसरे के द्वारा पूजी हुई मूर्ति को, अपने पूजा घर मे लाकर न पूजे। यदि गुरु ने आप को दिया है, और वो आपकी गुरु परम्परा से है तो उसे आप रख सकते है।
एक घर मे एक महिला ने, किसी मित्र के घर मे पूजी जा रही बहुत पुरानी मूर्ति ला रखी थी, और जब से वो मूर्ति लाई थी, तब से अलग अलग समस्या घर मे चलने लगी थी, गृह क्लेश बहुत ज़्यादा था, कर्ज की समस्या थी, और भी बहुत सी तकलीफें। दो वर्षों से ये सिलसिला चल रहा था। उस मूर्ति को विसर्जित करने की सलाह के एक महीने बाद ही उनका नया काम चालू हुआ, धन के स्त्रोत खुले, और परिवार में सुख शांति वापिस आने लगी।
★ मूर्ति जितनी उच्च धातु या प्रस्तर की होती है, उसकी उतनी ज़्यादा क्षमता होती हैं, कोशिश करे पूजा घर मे अच्छी गुणवत्ता की मूर्ति हो, और भगवान से सम्बंधित पूजा पात्र भी उच्च धातू के हो।
शेष अगले अंक में....
( नोट- समस्याओ के बहुत से कारण हो सकते है, मूल कारण तक ऊर्जा स्कैनिंग के बाद ही जाया जा सकता है, हर जगह एक ही नियम लागू नही होता, मैंने ज़्यादातर जो अनुभव किया वो आपके साथ शेयर कर रहा। ये लेख मेरी एनर्जी वास्तु की शोध पर आधारित है, आप चाहे तो इसे मेरे नाम के साथ शेयर कर सकते है। )
विवेक
अनंत प्रेम
अनंत प्रज्ञा

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