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Saturday, January 21, 2023

॥बगलामुखी उपासना॥

॥बगलामुखी उपासना॥

        🔻🔻🔻

🔱 शक्ति साधना- 25🔱



मां बगलामुखी की उपासना सभी कष्ट, दुःख और भय को दूर करने वाली है। कोई भी कार्य या मनोकामना ऐसी नहीं जो मां की कृपा से पूर्ण न हो। इस गुप्त नवरात्रि में हमारी 'शक्ति साधना' देवी के सबसे शक्तिशाली स्वरूपों में से एक 'मां बगलामुखी' को समर्पित है।


दस महाविद्या में से आठवीं शक्ति मां बगलामुखी स्तंभन शक्ति की अधिष्ठात्री हैं अर्थात् ये अपने भक्तों के भय को दूर करके शत्रुओं और उनकी बुरी शक्तियों का नाश करती हैं। संपूर्ण ब्रह्मांड की शक्ति की समावेश बगलामुखी शत्रुनाश, वाकसिद्धि, वाद विवाद में विजय, ज्ञान, धन, समृद्धि व बुद्धि प्रदान करती हैं।


मां बगलामुखी की उपासना और उनकी कृपा प्राप्ति के लिए जुड़ें हमारी शक्ति साधना-25 में, बगलामुखी उपासना के विशेष आकर्षण है: 


⚜️ श्री बगला हरिद्र गणपति अंगदेव पूजन प्रयोग ⚜️

मां बगलामुखी की साधना के पथ पर आगे बढ़ने के लिए


⚜️भक्त मंदार वांछा कल्पलता मंत्र प्रयोग⚜️

धन समृद्धि की प्राप्ति और मनोकामना पूर्ति के लिए


⚜️सर्व रक्षाकर बगला कवच प्रयोग⚜️

सभी बुरी शक्तियों से रक्षा के लिए


⚜️पीतांबरा सर्व मंगल प्रयोग ⚜️

सब प्रकार के सुख व मंगल के लिए


⚜️मां बगला यंत्रार्चना साधना ⚜️

मां की कृपा मां आशीर्वाद के प्राप्ति के लिए


⚜️पीतांबरा ऐश्वर्य वृद्धि दीप वर्तिका प्रयोग ⚜️

सब प्रकार के खुशियों व वैभव,ऐश्वर्य के लिए


⚜️मां बगला कृत्या कीर्तन प्रयोग ⚜️

सब प्रकार की नकारात्मक शक्तियों, ब्लैक मैजिक वह नजर दोष मुक्ति के लिए 


🔸साथ ही जानें -


 ⚜️दुर्गा सप्तशती पाठ के उत्कीलन की सही व गुप्त विधि 

और शक्ति हवन की सरल विधि


🔸बगलामुखी उपासना में जुड़ने के लिए नीचे दिये लिंक पर क्लिक करें : 

https://chat.whatsapp.com/J2l2CPzzbAaBYVGXsDyjth


🔸 Energy Exchange - 2100 ₹

🔸 साधना दिवस - 22 से 30 जनवरी, 2023

      

🔸 Venue : whatsapp-9937869363

🔸 भाषा : हिंदी व इंग्लिश दोनों


(विवेक शर्मा, रजनी महान, हेतल‌ पंड्या: महाशक्ति रेडियंस)

Thursday, January 27, 2022

Shoolini Durga

𝑺𝑯𝑶𝑶𝑳𝑰𝑵𝑰 𝑫𝑼𝑹𝑮𝑨


According to ling purana, Lord Vishnu incarnated as Narasimha to rescue his ardent devotee, Prahlad. Narasimha was the 4th avatar of Vishnu. He is half-man and half-lion. After he had killed Hiranyakashipu, the demon who was the evil father of Prahlad, the other gods and goddesses were unable to calm Narasimha. His fury kept growing, and he began to wreak large-scale destruction. Even Goddess Lakshmi, his consort, could not soothe his anger. When the gods or Devas approached Shiva for help, he decided to step in and solve the problem. 


He took the form of Sharabha, or Sarabeshwara, to calm Narasimha. This form was part- bird and part- lion and is also called Sharabeshwaramurti. This fierce form of Shiva was stronger than a lion or an elephant. But things did not end after this. Once Shiva (Sharbha) tamed Narasimha, Vishnu assumed the form of Gandaberunda, a ferocious bird-animal, to fight Sharabha.


One can find mention of this incident in the Linga Purana and Sharabha Upanishad. Gandaberuda had two heads, several rows of teeth, and was black in complexion with wide wings. Gandaberunda (Vishnu) engaged in a fierce battle with Sharbha (Lord Shiva), and the fight went on for eighteen days. Eventually, thanks to the powerful efforts of Goddess Soolini, both of them were becalmed and returned to their usual forms, much to everyone’s relief and delight. There was a reason why Shiva took the form of Sharabha. It was to make sure that Vishnu’s lion body was discarded so that he could assume his original divine form.


When Shiva took the form of Sharabheshwarar, Goddess Pratyangira emerged from one of his wings, and Shoolini Durga emerged from the other wing. Shoolini Durga removes all kinds of danger. If there are some doshas in our horoscope, they can be resolved by worshipping this Goddess. Even if no doshas are present, she gives many benefits and blessings to the worshipper. Those who surrender to her will also receive her protection.


𝑩𝒆𝒏𝒆𝒇𝒊𝒕𝒔 𝑶𝒇 𝑪𝒉𝒂𝒏𝒕𝒊𝒏𝒈 𝑻𝒉𝒆 𝑺𝒐𝒐𝒍𝒊𝒏𝒊 𝑫𝒖𝒓𝒈𝒂 𝑴𝒐𝒐𝒍𝒂 𝑴𝒂𝒏𝒕𝒓𝒂


Goddess Soolini Devi or Soolini Durga is said to protect her devotees from all kinds of misfortunes in life. The Soolini Durga Mantra is also said to remove evil-eyes (buri nazar / drishthi), curses, and negative energies causing obstacles, delays, and bad lucks. Constant chanting of this mantra will also chase evil spirits, thwart off bad spells caused by witch-craft and black magic.


Praying to Soolini Durga before beginning your daily journey will ensure a smooth ride and it helps to avoid any mishaps like vehicle accidents. The Soolini Durga Mantra can also alleviates planetary ill effects (graha dosha). Chanting the mantra before going to bed will prevent bad dreams.


Goddess Soolini Durga will slowly dispel all these negativity and will bless the devotee with a peaceful and successful life.


On the auspicious occasion of Gupt Navratri, we are conducting our twentieth SHAKTI SADHNA, in which we are sharing the powerful ritual of Maa Shoolini Durga. 


For further details, you can whatsapp on 9937869363.




Workshop dates : 2nd to 10th February

Venue : Whatsapp

EE : 1500₹

Both in Hindi and English


 दुं दुर्गाय दुं

Mahashakti Radiance

Sunday, October 10, 2021

Miracles of Maa Durga- Part 2


पिछले जन्म की एक अपूर्व की कहानी जिस पर अष्टभुजा मां दुर्गा के चमत्कार और साधना से जुड़ा खूबसूरत प्रसंग है।


पिछले अंक में पूजा के पीछले जन्म में, उत्तराखंड के व्यापारी की कहानी आपने पढ़ी, उसी कड़ी का अगला भाग आज पोस्ट कर रहा। पिछला भाग आप मेरे ब्लाग में पढ़ सकते है।


PART-2


मेरे प्रश्न करते ही, पूजा जोर से शुउ ऊऊऊ की आवाज़ करती है। मैं उसे सुरक्षित करने की कमांड करता हूं। और फिर प्रश्न करता हु, फिर क्या होता है? उत्तर सुनके मेरे रोंगटे खड़े हो जाते है।


पूजा- जैसे ही वो मुझे कुँए में फेकते है, कोई मुझे हाथो में पकड़ लेता है। 


विवेक- कौन पकड़ता है, दृश्य को अच्छे से देखो।


पूजा- कोई अष्टभुजा वाली देवी है, मुझे आठो भुजाओ से पकड़ के, ऊपर ले आती है, जैसे माँ बच्चे को पकड़ के। 


विवेक- कौन देवी है ये, कुआँ में गिरने के बाद पकड़ती है वो। 


पुजा- पानी मे गिरते साथ ही वो हाथ मुझे ऊपर उठाने लगता है। ये अष्टभुजा माँ काली है। 


विवेक- फिर क्या होता है।


पूजा- मुझे वो उठा के कुंआ के पास छोड़ देती है, मैं बच जाता हूं, मेरे लोग आ जाते है, मुझे वहा से बचाकर घर ले जाते है।


विवेक- फिर क्या होता है।


पूजा- अब मेरा मन धन और व्यापार से ऊब गया है, मेरा मन बार बार माँ का ही स्मरण में लगा रहता है। घर के पास ही एक मंदिर है, उसमे अष्टभुजा माँ काली को विशालकाय मूर्ति है। मै सुबह शाम यही जाप करता हूँ । एक सूती की धोती ही है, माला है, तिलक है। 


विवेक- व्यापार के क्या होता हैं, जो लोग तुम्हे मारते है वो कौन थे।


पूजा- अब कोई साहूकारी नही है, सब बच्चो को सौप दिया। जिह्नोंने मारा था उनसे भी कोई शिकवा नही। उनके कारण ही तो माँ की शरण में आया। सिर्फ मै और भगवती ही है। दिन रात सिर्फ उन्हीं का जाप चलता है।


विवेक- मृत्यु कैसे होती है।


पूजा- एक चारपाई है, निचे एक लौटा है, हाथ मे माला है, जाप चल रहा है। और प्राण निकल आते है।


विवेक- मृत्यु के बाद देखो सबक है।


पूजा- इस जन्म को मैंने माँ की सेवा के लिए ही चुना है, धन कमाने में इतना मसगुल हो गया था कि मुझे सेवा का ध्यान ही नही था। कुँआ की घटना से मुझे मेरे पथ याद आया।


विवेक- माँ से पूछो, वो कैसे प्रसन्न होती है।


पूजा- वो सच्चे हृदय से की गई पूजा से प्रसन्न होती है, जिसके हृदय में प्रेम होता है भगवती का उससे वो प्रसन्न होती है। मंत्र और यंत्र से नही, सच्चे भाव से वो प्रसन्न होती है। मनुष्य जीवन सीखने के लिए मिला है, इसको जितना अच्छे कार्य मे लगा पाओ अच्छा। 



आगे फिर दूसरे जन्म में मैं उसे ले जाता हूँ, इस सेशन में माँ का चमत्कार, वो कुँआ की घटना वाला मेरे लिए आश्चर्यजनक था, बहुत से लोगो के प्रसंग सुने थे, लेकिन सेशन के दौरान उस ऊर्जा को मैं महसूस कर पा रहा था। ऐसे और भी खूबसूरत अनुभव है, वक़्त रहा तो अगली बार लिखूंगा।


पिछला अंक पढ़ने के लिए निचे दी गयी लिंक क्लिक करे।


https://www.grandmasterviveksharma.com/2021/10/miracles-of-maa-durga-from-my-akashic.html?m=1


©विवेक शर्मा

9937869363


( नोट- कहानी के सर्वाधिकार मेरे AKASHIC INTELLIGENCE ACCESS AIA के शोध किताब के लिए सुरक्षित है। आप इस कहानी को मेरे नाम, और लिंक के साथ ऐसे ही शेयर कर सकते है।)


विवेक

अनंत प्रेम

अनंत प्रज्ञा

MIRACLES OF MAA DURGA FROM MY AKASHIC SESSION

पिछले जन्म की एक अपूर्व की कहानी जिस पर अष्टभुजा मां दुर्गा के चमत्कार और साधना से जुड़ा खूबसूरत प्रसंग है।


मेरे आकाशीय विद्यमता प्रतिगमन (AIA) और पिछले जन्म के सेशन मे बहुत सारे प्रसंगों में, मेरा सामना देवी माँ से होता है, उसमें बहुत सारी चमत्कारी कहानियां है उन्हीं चमत्कारिक कहानियों में से आज एक कहानी में आपके सामने पेश कर रहा हूं।


AKASHIC INTELLIGENCE ACCESS-part 1

अष्टभुजा माँ का चमत्कार


कुछ माह पहले ही मैंने यह सेशन लिया था एक महिला को उसके पिछले जन्म में ले जाने के दौरान। उसके पूर्व जन्म की यह कहानी बहुत सुंदर है उस महिला को जब मैं पिछले जन्म की यात्रा में ले गया तो वह अपने पिछले जन्म की कहानी कुछ इस तरह से मुझे बताने लगी।


विवेक- क्या दिख रहा है?


पूजा- एक आलीशान मकान है, महल जैसा।


विवेक- कौन सी जगह है ये? और कौन सी सन है?


पूजा- चौदहवी सदी के उत्तराखंड का एक बड़ा शहर है।


विवेक- क्या नाम है तुम्हारा? और क्या काम करते हो?


पूजा- सेठ शिखर चन्द्र लकड़ी का कारोबार उनका चारों ओर फैला है। घर पर खूब सारे नौकर चाकर रहते है। 


विवेक- आगे बढ़ते चलो।


पूजा- खाना मैं चांदी के बर्तन पर खाता हूँ, दिन रात नौकर चाकर उनकी सेवा करते है, जैसे ही आसन से उठता हूँ, नौकर लोग गर्म पानी से पैर धोने आ जाते है। 


विवेक- आगे बढ़ो।


पूजा- धन से भी समृद्ध होने के साथ-साथ  राजदरबार में भी बहुत पेठ है मेरी। महामंत्री के बाद तीसरा ओहदा मेरा है। राज्य का वित्तीय लेनदेन मैं देखता हूँ। दरबार में कोई भी काम धन से जुड़ा हुआ मेरी आज्ञा के बिना नहीं होता था। राजा हर महत्वपूर्ण चर्चा पर मुझसे चर्चा करते थे जिससे दूसरे मंत्री लोग मेरे से बहुत जलते थे। मेरे ओहदे से वो चिढ़ते है।


विवेक- एक महत्वपूर्ण घटना में जाओ।


पूजा-  जंगल से में गुजर रहा हूँ, घोड़ागाड़ी में। अंधेरा हो गया है।

अचानक कुछ लोग रोकते है हमे, मुझे दो लोग बांध देते है। बांध के एक अंधेरे कुएं में फेंक रहें है। घना अंधकार है, चारो और घना अंधकार है।

विवेक- कुंआ में पानी है?


पूजा- हाँ, आधा पानी है।


विवेक- फिर क्या होता है, तुम मर जाती हो? 


मेरे प्रश्न करते ही, पूजा जोर से शुउ ऊऊऊ की आवाज़ करती है। मैं उसे सुरक्षित करने की कमांड करता हूं। और फिर प्रश्न करता हु, फिर क्या होता है? उत्तर सुनके मेरे रोंगटे खड़े हो जाते है।

शेष अगले अंक में.......

विवेक

अनंत प्रेम

अनंत प्रज्ञा


Monday, September 27, 2021

SHAKTI SADHNA

🔱 𝐒𝐇𝐀𝐊𝐓𝐈 𝐒𝐀𝐃𝐇𝐍𝐀 🔱

⚜ 𝐓𝐡𝐞 𝐏𝐚𝐭𝐡 𝐨𝐟 𝐒𝐡𝐚𝐤𝐭𝐢 ⚜



SHAKTI SADHNA, a Blissful Experience, has transformed thousands of lives by bringing them on the Path of Shakti.  


Shakti Sadhna is a divine workshop by Mahashakti Radiance, that we conduct on whatsapp during all the four navratri in each year. The main purpose of SHAKTI SADHNA is to awaken the path of shakti in every heart. 

Since last five years, thousands of people from different countries and different religions have joined us on this path of Shakti. In this sadhna, you will explore the secret way to unlock Durga Saptsati, and learn different Rituals that help to manifest your material and spiritual journeys.


To receive the divine blessings in the form of Wealth, Prosperity, Fortune, Glory & Abundance, join us in our Very Special Shakti Sadhna-20, where we are going to share the Best of the Best 8 rituals from the 200 rituals of all the 19 Shakti Sadhnas.

For more info whatspp 9937869363

Click the following link to register -

https://chat.whatsapp.com/FnrcSzjBR2Y8tH5MJSprpn


Sadhna Days- 7th-14th October, 2021

EE- 2100₹

दुं दुर्गाय दुं

Team Mahashakti Radiance : Vivek Sharma, Rajni Mahajan, Hetal Shah

Wednesday, April 14, 2021

The Adya Stotram- a powerful strot to get the blessings of Maa adya kali

आद्या स्तोत्रम्

The Adya Stotram


- आद्या स्तोत्रम् , is a hymn in tribute to Adya Ma.  


The benefits of daily recitation of the Stotram are:

•Protection from death, sickness and fear

•Conceiving, for those women who are childless

•Protection from any danger during travel especially by water

•Protection during wars

•Protection during troubled times

•Receiving the same amount of blessing as going on holy pilgrimage


Adya Ma is regarded as the physical form (manifestation) of Adya Shakti. Adya Shakti is the primary supreme force of Nature and is regarded as the force essential to the existence of the other forces on Nature. She is worshiped in the form of Goddess Kali. 


ॐ नम आद्यायै । 

श‍ृणु वत्स प्रवक्ष्यामि आद्या स्तोत्रं महाफलम् । 

यः पठेत् सततं भक्त्या स एव विष्णुवल्लभः ॥ १॥ 


मृत्युर्व्याधिभयं तस्य नास्ति किञ्चित् कलौ युगे । 

अपुत्रा लभते पुत्रं त्रिपक्षं श्रवणं यदि ॥ २॥ 


द्वौ मासौ बन्धनान्मुक्ति विप्रवक्त्रात् श्रुतं यदि । 

मृतवत्सा जीववत्सा षण्मासं श्रवणं यदि ॥ ३॥


नौकायां सङ्कटे युद्धे पठनाज्जयमाप्नुयात् । 

लिखित्वा स्थापयेद्गेहे नाग्निचौरभयं क्वचित् ॥ ४॥ 


राजस्थाने जयी नित्यं प्रसन्नाः सर्वदेवता । 

ॐ ह्रीं ब्रह्माणी ब्रह्मलोके च वैकुण्ठे सर्वमङ्गला ॥ ५॥ 


इन्द्राणी अमरावत्यामविका वरुणालये। 

यमालये कालरूपा कुबेरभवने शुभा ॥ ६॥ 


महानन्दाग्निकोने च वायव्यां मृगवाहिनी । 

नैऋत्यां रक्तदन्ता च ऐशाण्यां शूलधारिणी ॥ ७॥ 


पाताले वैष्णवीरूपा सिंहले देवमोहिनी । 

सुरसा च मणीद्विपे लङ्कायां भद्रकालिका ॥ ८॥ 


रामेश्वरी सेतुबन्धे विमला पुरुषोत्तमे । 

विरजा औड्रदेशे च कामाक्ष्या नीलपर्वते ॥ ९॥ 


कालिका वङ्गदेशे च अयोध्यायां महेश्वरी । 

वाराणस्यामन्नपूर्णा गयाक्षेत्रे गयेश्वरी ॥ १०॥ 


कुरुक्षेत्रे भद्रकाली व्रजे कात्यायनी परा । 

द्वारकायां महामाया मथुरायां माहेश्वरी ॥ ११॥ 


क्षुधा त्वं सर्वभूतानां वेला त्वं सागरस्य च । 

नवमी शुक्लपक्षस्य कृष्णसैकादशी परा ॥ १२॥ 


दक्षसा दुहिता देवी दक्षयज्ञ विनाशिनी । 

रामस्य जानकी त्वं हि रावणध्वंसकारिणी ॥ १३॥ 


चण्डमुण्डवधे देवी रक्तबीजविनाशिनी । 

निशुम्भशुम्भमथिनी मधुकैटभघातिनी ॥ १४॥


विष्णुभक्तिप्रदा दुर्गा सुखदा मोक्षदा सदा । 

आद्यास्तवमिमं पुण्यं यः पठेत् सततं नरः ॥ १५॥ 


सर्वज्वरभयं न स्यात् सर्वव्याधिविनाशनम् । 

कोटितीर्थफलं तस्य लभते नात्र संशयः ॥ १६॥ 


जया मे चाग्रतः पातु विजया पातु पृष्ठतः । 

नारायणी शीर्षदेशे सर्वाङ्गे सिंहवाहिनी ॥ १७॥ 


शिवदूती उग्रचण्डा प्रत्यङ्गे परमेश्वरी । 

विशालाक्षी महामाया कौमारी सङ्खिनी शिवा ॥ १८॥ 


चक्रिणी जयधात्री च रणमत्ता रणप्रिया । 

दुर्गा जयन्ती काली च भद्रकाली महोदरी ॥ १९॥ 


नारसिंही च वाराही सिद्धिदात्री सुखप्रदा । 

भयङ्करी महारौद्री महाभयविनाशिनी ॥ २०॥ 


इति ब्रह्मयामले ब्रह्मनारदसंवादे आद्या स्तोत्रं समाप्तम् ॥ ॥ 

ॐ नम आद्यायै ॐ नम आद्यायै ॐ नम आद्यायै ॥ 


Friday, February 19, 2021

BHAGWATI STROT

BHAGWATI STROT

भगवती स्त्रोत
‘वेद-व्यास’ जी जिन्होंने सम्पूर्ण पुराणों तथा उप-पुराणों की रचना की, सोचने लगे भगवान शिव जिन भगवती देवी की वास्तविकता को पूर्ण रूप से नहीं ज्ञात कर पायें, मैं उन्हें कैसे जान सकता हूँ? यह सोच उन्होंने दुर्गा देवी (आदि परा शक्ति, ‘आद्या देवी’) की एकांत हिमालय पर्वत पर, श्रद्धा युक्त हो तप-साधना प्रारंभ की। उनकी साधना से प्रसन्न हो, भगवती आद्या शक्ति व्यास मुनि के संदेह के निवारण हेतु नाना रूपों के उनके सनमुख प्रकट हुई। सर्वप्रथम उन्होंने समस्त प्राणियों में स्थित स्वकीय ज्योतिर्मय स्वरूप में अपने आप को प्रकट किया। तदनंतर, उन्होंने सहस्रों देदीप्यमान सूर्य की आभा से युक्त अपना दिव्य रूप प्रकट किया, जिसमें करोड़ों चंद्रमाओं की शीतल कांति छटक रहीं थीं। सहस्रों अस्त्र-शास्त्रों से युक्त उनके अनेक हाथ थे, नाना प्रकार के दिव्य अलंकारों से वह भगवती देवीसुशोभित थीं, शरीर से नाना गंध द्रव्यों का लेपन कर रखा था, वे भगवती देवी सिंह पीठासीन और कही-कही मृत शरीर या शव पर नृत्य करती हुई दिखाई दे रही थीं। कहीं-कहीं उनकी चार भुजाएँ थीं, श्याम वर्ण मेघ तुल्य उनके शरीर की आभा थीं। कभी-कभी वे दस भुजाओं, अठारह भुजाओं वाली तथा क्षण भर में दो भुजाओं वाली हो जाती थीं, कभी सौ भुजाओं से युक्त तथा अगणित भुजाओं वाली हो जाती थीं। कभी वे विष्णु रूप में परिणत हो जाती थीं तथा कभी वह श्याम रूप वाले कृष्ण के रूप में दिखाई देने लगी थीं। कभी ब्रह्मा जी जी के रूप में तो कभी शिव के रूप में दिखाई देती थीं। इस प्रकार उन्होंने स्वयं को व्यास मुनि के सनमुख अनेक रूप दिखाएँ, वास्तव में वे भगवती देवी ब्रह्म स्वरूप निराकार ही हैं। इस पर व्यास मुनि संशय-मुक्त हो गए। व्यास द्वारा रचित ये सुंदर स्त्रोत नीचे दे रहा।
भगवती स्त्रोत
Bhagwati strot
जय भगवति देवि नमो वरदे
जय पापविनाशिनि बहुफलदे ।
जय शुम्भनिशुम्भकपालधरे
प्रणमामि तु देवि नरार्तिहरे ॥१॥
Jaya Bha

gavati Devi Namo Vara-De
Jaya Paapa-Vinaashini Bahu-Phala-De |
Jaya Shumbha-Nishumbha-Kapaala-Dhare
Prannamaami Tu Devi Naraartihare ||1||
Meaning:
1.1: Victory to You, O Divine Goddess, My Salutationsto You Who are the Giver of Boons,
1.2: Victory to You O Devi, Who are the Destroyer of Sins and Bestower of Many Fruits,
1.3: Victory to You O Devi, Who Wear the Heads of Sinful Demons Shumbha and Nishumbha (after slaying them),
1.4: I Bow down to You O Devi, You Indeed are the Remover of Pains of Human Beings.
जय चन्द्रदिवाकरनेत्रधरे
जय पावकभूषितवक्त्रवरे ।
जय भैरवदेहनिलीनपरे
जय अन्धकदैत्यविशोषकरे ॥२॥
Jaya Candra-Divaakara-Netra-Dhare
Jaya Paavaka-Bhuussita-Vaktra-Vare |
Jaya Bhairava-Deha-Niliina-Pare
Jaya Andhaka-Daitya-Vishossa-Kare ||2||
Meaning:
2.1: Victory to You O Devi, Who Wear the Sun and the Moon as Her Eyes,
2.2: Victory to You O Devi, Whose Beautiful Face is Adorned by the Glow of Fire,
2.3: Victory to You O Devi, Who as the Supreme Being Fused Her Body with that of Bhairava (as Ardhanarishwara),
2.4: Victory to You O Devi, Who Dried up the Strength of Demon Andhaka (for his wickedness).
जय महिषविमर्दिनि शुलकरे
जय लोकसमस्तकपापहरे ।
जय देवि पितामहविष्णुनते
जय भास्करशक्रशिरोऽवनते ॥३॥
Jaya Mahissa-Vimardini Shula-Kare
Jaya Loka-Samastaka-Paapa-Hare |
Jaya Devi Pitaamaha-Vissnnu-Nate
Jaya Bhaaskara-Shakra-Shiro-[A]vanate ||3||
Meaning:
3.1: Victory to You O Devi, Who Crushed the Demon Mahishasura with Trident in Hand,
3.2: Victory to You O Devi, Who Destroy the Sins in Allthe Worlds,
3.3: Victory to You O Devi, to Whom Pitamaha Brahmaand Sri Vishnu Bow Down.
3.4: Victory to You O Devi, to Whom Sun and the Other Devas Bow Down.
जय षण्मुखसायुध ईशनुते
जय सागरगामिनि शम्भुनुते
जय दुःखदरिद्रविनाशकरे
जय पुत्रकलत्रविवृद्धिकरे ॥४॥
Jaya Ssannmukha-Saayudha Iisha-Nute
Jaya Saagara-Gaamini Shambhu-Nute
Jaya Duhkha-Daridra-Vinaasha-Kare
Jaya Putra-Kalatra-Vivrddhi-Kare ||4||
Meaning:
4.1: Victory to You O Devi, Who is Praised by Lord Shanmukha (the Six-Faced Kartikeya) Adorned with various Weapons,
4.2: Victory to You O Devi, Who is Praised by Lord Shiva seeing You Flowing towards the Ocean as river Ganga (for the welfare of mankind),
4.3: Victory to You O Devi, Who Destroys All Sorrowsand Poverty,
4.4: Victory to You O Devi, Who Augments our Fortune by providing Sons and Wives.
जय देवि समस्तशरीरधरे
जय नाकविदर्शिनि दुःखहरे ।
जय व्याधिविनाशिनि मोक्षकरे
जय वाञ्छितदायिनि सिद्धिवरे ॥५॥
Jaya Devi Samasta-Shariira-Dhare
Jaya Naaka-Vidarshini Duhkha-Hare |
Jaya Vyaadhi-Vinaashini Mokssa-Kare
Jaya Vaan.chita-Daayini Siddhi-Vare ||5||
Meaning:
5.1: Victory to You O Devi, Who Wear All the Bodies(remaining as the underlying Pure Consciousness),
5.2: Victory to You O Devi, Who Bestows the Vision of Spiritual Sky (during meditation), thus Destroying the Root of our Sorrow (of spiritual ignorance),
5.3: Victory to You O Devi, Who Destroy the Diseases(obstructing our spiritual progress) and finally Grants Liberation (from the delusion of samsara),
5.4: Victory to You O Devi, Who thus Grants our Wishesand takes us towards the Most Excellent Siddhi (of spiritual fulfilment).
एतद्व्यासकृतं स्तोत्रं
यः पठेन्नियतः शुचि ।
गृहे वा शुद्धभावेन
प्रीता भगवती सदा ॥६॥
Etad-Vyaasa-Krtam Stotram
Yah Patthen-Niyatah Shuci |
Grhe Vaa Shuddha-Bhaavena
Priitaa Bhagavatii Sadaa ||6||
Meaning:
6.1: This Stotram (Hymn) is Composed by Sage Vyasa,
6.2: Whoever Recites this Stotram Regularly after becoming Bodily and Mentally Clean ,...
6.3: ...in his Home or Anywhere with Pure Devotion to the Goddess,
6.4: Will Please the Bhagavati Devi Always.

Friday, February 5, 2021

SHAKTI SADHNA --MAHAKALI UPASHNA



🔱 शक्ति साधना🔱
⚜️ महाकाली उपासना विशेष⚜️
शक्ति साधना, वो दिव्य अनुभव है, जिस ने शक्ति के पथ पर प्रशस्त कर सैंकड़ों जीवन रूपांतरित किये। इस गुप्त नवरात्रि की शक्ति साधना और भी अधिक विशिष्ट और शक्तिशाली है, क्योंकि यह आद्यशक्ति मां महाकाली को समर्पित है।
काल तत्व की प्रधानता होने से श्री काली को सभी विद्याओ की आदि कहा गया है। इसी के सौम्य और उग्र रूप दस रूपों में व्याप्त होकर वो महाविद्या कहलाती है। महानिर्गुण की अधिष्ठात्री होने से इनकी उपमा अंधकार से दी जाती है। महा-सगुण होकर ये सुंदरी कहलाती है।
न ते नामगोत्रे, न ते जन्म मृत्युः न ते धामचेष्टे न ते दुःख सौख्ये
न ते मित्र शत्रु न ते बंध मोक्षो त्वमेका परःब्रह्मरुपेण सिद्धाः ॥6॥
(काली सुधाधारा स्त्रोत)
न तुम्हारा कोई नाम है, न गोत्र है, न जन्म है, न मृत्यु है, न घर है, न चेष्टाएँ है, न दुःख-सुख है, न मित्र-शत्रु है, और न बन्धन-मोक्ष ही हैं। तुम परमब्रम्ह रूप में ही सिद्ध हो।
अपने भक्तों से शीघ्र प्रसन्न होने वाली मां काली की सरल साधना के लिये जुड़ें हमारे साथ शक्ति साधना-17 में ।
शक्ति-साधना-17 में विशेष:
🔯 श्री काली कवचम् प्रयोग :
देवी काली को अतिप्रिय कवच का यह प्रयोग भोग व मोक्ष प्रदायक, त्रैलोक्य को मोहित करने की शक्ति देने वाला, अघों (पापों) का नाश करने वाला, विजयश्री दिलाने वाला और सब प्रकार से रक्षा प्रदान करने वाला है।
🔯 दक्षिण कालिका मंत्र रहस्य प्रयोग :
मंत्र जाप द्वारा मां की कृपा प्राप्ति, उनके प्रति समर्पित होने का सबसे सरल व सिद्ध मार्ग,जो हर प्रकार के कष्ट-पीड़ा- चिंता से मुक्त कर सिद्धि मुक्ति प्रदान करने वाला है।
🔯 काली सिद्धि प्रयोग:
सिद्धि प्राप्ति, देवी कृपा प्राप्ति, अकाल मृत्यु से मुक्ति और सर्व कामना पूर्ति हेतु यह सुंदर व अद्भुत प्रयोग है।
🔯 काली मंगल प्रयोग:
घर में सुख मंगल प्रदान करने वाला, विवाद से रक्षा करने वाला और ग्रह शांति प्रदान करने वाला बलशाली प्रयोग है।
🔯 श्री कालिका हवन विधान:
सर्व बाधा निवारणार्थ, सर्व कार्य सिद्धि हेतु किये जाने वाले अत्यंत शक्तिशाली हवन‌ का सरल विधान।
🔯 कालिका सहस्त्रनाम पाठ:
देवी भगवती की कृपा दिलाने वाला भगवान शिव द्वारा प्रदत्त यह अत्यंत चमत्कारी व स्वयं सिद्ध पाठ है। इसे करने से नकारात्मक ऊर्जा व शत्रुओं का नाश होता है, कार्य स्वयं सिद्ध होने लगते हैं और सौभाग्य का उदय होता है।
🔯 काली यंत्र रहस्यम्
काली यंत्र मां काली को शीघ्र प्रसन्न करने वाला और उनकी कृपा को सदैव बनाये रखता है।
शक्ति के पथ पर आगे बढ़ने के लिये निम्न लिंक पर क्लिक करें :
Energy Exchange - ₹ 2100/-
Sadhna days- 12 February to 21 February,2021.
Venue : whatsapp
Language - Hindi & English both
(Vivek Sharma, Rajni Mahajan, Hetal Pandya : Mahashakti Radiance)

क्या भगवान राम ने भी की थी तांत्रिक उपासना?

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