पिछले जन्म की एक अपूर्व की कहानी जिस पर अष्टभुजा मां दुर्गा के चमत्कार और साधना से जुड़ा खूबसूरत प्रसंग है।
पिछले अंक में पूजा के पीछले जन्म में, उत्तराखंड के व्यापारी की कहानी आपने पढ़ी, उसी कड़ी का अगला भाग आज पोस्ट कर रहा। पिछला भाग आप मेरे ब्लाग में पढ़ सकते है।
PART-2
मेरे प्रश्न करते ही, पूजा जोर से शुउ ऊऊऊ की आवाज़ करती है। मैं उसे सुरक्षित करने की कमांड करता हूं। और फिर प्रश्न करता हु, फिर क्या होता है? उत्तर सुनके मेरे रोंगटे खड़े हो जाते है।
पूजा- जैसे ही वो मुझे कुँए में फेकते है, कोई मुझे हाथो में पकड़ लेता है।
विवेक- कौन पकड़ता है, दृश्य को अच्छे से देखो।
पूजा- कोई अष्टभुजा वाली देवी है, मुझे आठो भुजाओ से पकड़ के, ऊपर ले आती है, जैसे माँ बच्चे को पकड़ के।
विवेक- कौन देवी है ये, कुआँ में गिरने के बाद पकड़ती है वो।
पुजा- पानी मे गिरते साथ ही वो हाथ मुझे ऊपर उठाने लगता है। ये अष्टभुजा माँ काली है।
विवेक- फिर क्या होता है।
पूजा- मुझे वो उठा के कुंआ के पास छोड़ देती है, मैं बच जाता हूं, मेरे लोग आ जाते है, मुझे वहा से बचाकर घर ले जाते है।
विवेक- फिर क्या होता है।
पूजा- अब मेरा मन धन और व्यापार से ऊब गया है, मेरा मन बार बार माँ का ही स्मरण में लगा रहता है। घर के पास ही एक मंदिर है, उसमे अष्टभुजा माँ काली को विशालकाय मूर्ति है। मै सुबह शाम यही जाप करता हूँ । एक सूती की धोती ही है, माला है, तिलक है।
विवेक- व्यापार के क्या होता हैं, जो लोग तुम्हे मारते है वो कौन थे।
पूजा- अब कोई साहूकारी नही है, सब बच्चो को सौप दिया। जिह्नोंने मारा था उनसे भी कोई शिकवा नही। उनके कारण ही तो माँ की शरण में आया। सिर्फ मै और भगवती ही है। दिन रात सिर्फ उन्हीं का जाप चलता है।
विवेक- मृत्यु कैसे होती है।
पूजा- एक चारपाई है, निचे एक लौटा है, हाथ मे माला है, जाप चल रहा है। और प्राण निकल आते है।
विवेक- मृत्यु के बाद देखो सबक है।
पूजा- इस जन्म को मैंने माँ की सेवा के लिए ही चुना है, धन कमाने में इतना मसगुल हो गया था कि मुझे सेवा का ध्यान ही नही था। कुँआ की घटना से मुझे मेरे पथ याद आया।
विवेक- माँ से पूछो, वो कैसे प्रसन्न होती है।
पूजा- वो सच्चे हृदय से की गई पूजा से प्रसन्न होती है, जिसके हृदय में प्रेम होता है भगवती का उससे वो प्रसन्न होती है। मंत्र और यंत्र से नही, सच्चे भाव से वो प्रसन्न होती है। मनुष्य जीवन सीखने के लिए मिला है, इसको जितना अच्छे कार्य मे लगा पाओ अच्छा।
आगे फिर दूसरे जन्म में मैं उसे ले जाता हूँ, इस सेशन में माँ का चमत्कार, वो कुँआ की घटना वाला मेरे लिए आश्चर्यजनक था, बहुत से लोगो के प्रसंग सुने थे, लेकिन सेशन के दौरान उस ऊर्जा को मैं महसूस कर पा रहा था। ऐसे और भी खूबसूरत अनुभव है, वक़्त रहा तो अगली बार लिखूंगा।
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https://www.grandmasterviveksharma.com/2021/10/miracles-of-maa-durga-from-my-akashic.html?m=1
©विवेक शर्मा
9937869363
( नोट- कहानी के सर्वाधिकार मेरे AKASHIC INTELLIGENCE ACCESS AIA के शोध किताब के लिए सुरक्षित है। आप इस कहानी को मेरे नाम, और लिंक के साथ ऐसे ही शेयर कर सकते है।)
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