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Sunday, November 7, 2021

Powerful strot for endangered Marriage

यदि स्त्री के जन्मांग में प्रबल मंगल दोष हो अथवा ग्रहयोग पति वियोग सूचित करते हो अथवा दाम्पत्य अनिष्ट की आशंकाओं से आतंकित हो रहा हो, तो प्रस्तुत स्तोत्र का आस्था से पाठ प्रयोग मनोवांछित सुखद परिणाम प्रदर्शित करता है। पति को स्वस्थ-सक्रिय दीर्घायुष्य प्राप्त होता है, दाम्पत्य आनन्दित रहता है एवं जीवन में नाना प्रकार की समृद्धियाँ उपलब्ध होती हैं।



प्रयोग विधि यह है कि शुभमुहूर्त में अनुष्ठानारंभ करें। इष्टदेवादि का पूजनोपचार कर विधिवत् संकल्प ग्रहण कर स्तोत्र का ग्यारह बार पाठ करें। ये प्रयोग चार माह तक करे, आपको निश्चित सफलता मिलेगी। ये प्रयोग भगवान दत्तात्रेय ने परशुराम को दिया था। माँ ललिता त्रिपुर सुंदरी के 108 नामों से अलंकृत इस स्त्रोत का नाम सौभाग्य अष्टोत्तर शतनाम स्त्रोत है। हां दे रहा।


सौभाग्य अष्टोत्तर शतनाम स्त्रोत



कामेश्वरी, कामशक्ति, सौभाग्यदायिनी, कामरूपा, कामकला, कामिनी, कमलासना, कमला, कल्पनाहीना, कमनीया, कलावती, पदमदाभारतीसेव्या, कल्पिताशेष, संस्थितिः, अनुक्तारा, अनद्या, अनन्ता, अद्भुतरूपा, अनलोदभवः, अतिलोक चरित्रा, अतिसुन्दरी, अतिशुभप्रदा, अघहन्त्री, अतिविस्तारा, अर्चनतुष्टा, अमितप्रमा, एक रूपा, एकवीरा, एकथा, एकान्ता, अर्चनप्रिया, एकैकभावतुष्टा, एकरसा, एकान्तजनप्रिया, एधमानप्रभा, वैधतभक्तपातकः नाशिनी, एलामोदमुख्या, एनोदि, शक्तायुधसमस्थितिः, ईहाशून्या, इप्सितेशादिसेव्या, ईशानवरांगाना, ईश्वराज्ञापिका, इकारभाष्या, ईप्सितफलप्रदा, ईशाना, हरेशैषा, अरुणाक्षी, ईश्वरेश्वरी, ललिता, ललनारूपा, लयहीना, लसत्तनुः लयसर्वा, लयक्षेणिः लयकर्त्री, लयात्मिका, लघिमा, लघुमध्याढया, ललमाना, लयदुता, हयारूढ़ा, हतामित्रा, हरकान्ता, हरिस्तुता, हयग्रीवैष्टका, हालाप्रिया, हर्षसमुद्भवा, हर्षणा, हल्लकाभांगी, हस्तन्तैश्वर्यदायिनी, रामा, रामार्चिता, राज्ञी, रम्या, रवमयी, रति, रक्षिणी, रमणी, राकादित्यादिमण्डलप्रिया, रक्षिता, अखिललोकेशी, रक्षोगणनिशूदिनी, अन्तान्तकारिणी, अम्भोजकियान्तभयंकरी, अम्बरूपा, अम्बुजकरा, अम्बजनातरवप्रदा, अन्तःपूजाकियान्नदा, अन्तर्ध्यानवचोमयीः अन्तकारातिवामांकस्थितः अन्तः सुखरूपिणी, सर्वज्ञा, सर्वगा, सारा समसुखा, सती, सन्ततिः सन्तता, सोमा, सर्वा, सांख्या, सनातनी ॐ ।



पाठको की सुविधा के लिए माँ के 108 नाम सरल रूप से यह रखे गए है। 


विवेक

अनंत प्रेम

अनंत प्रज्ञा





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