सभी दिव्यात्माओं को आत्मनमन, अनजाने भय और शक्ति से निपटने के लिए एक अद्भुत मंत्र आपके सामने प्रस्तुत कर रहा, उम्मीद है आप इसका लाभ उठाएंगे।
यह मन्त्र हमारी रक्षा करता है सभी दिशाओं से आने वाली संभावित नेगेटिव ऊर्जा(खतरों) से
जब भी किसी को अचानक किसी नेगेटिव एनर्जी यानि आत्मा, भूत प्रेत , शत्रु, अशुभ की संभावना अथवा जंगली जानवरों से खतरे का आभास हो तो इस मंत्र का लगातार जाप करने लग जाने से यह मन्त्र हमारी दसों दिशाओं में एक घेरा सा बना कर हमारी ओर आने वाली नेगेटिव एनर्जी के विरुद्ध लड़ने में हमारी सहायता करता हैं।
*मन्त्र:*
वज्रक्रोधाय महादन्ताय दशदिशो बंध बंध हूं फट्ट स्वाहा।।
Vajrakrodhaya Mahadantaya Dashdisho Bandh Bandh Hum Phatt Swaha
यह स्वयं में स्वयं सिद्ध मन्त्र है अतः जैसी स्थिति बतायी गयी है उस स्थिति में इसका निरंतर जाप आरम्भ कर देना चाहिए।
विवेक
अनंत प्रेम
अनंत प्रज्ञा
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