पिछले जन्म की एक अपूर्व की कहानी जिस पर अष्टभुजा मां दुर्गा के चमत्कार और साधना से जुड़ा खूबसूरत प्रसंग है।
मेरे आकाशीय विद्यमता प्रतिगमन (AIA) और पिछले जन्म के सेशन मे बहुत सारे प्रसंगों में, मेरा सामना देवी माँ से होता है, उसमें बहुत सारी चमत्कारी कहानियां है उन्हीं चमत्कारिक कहानियों में से आज एक कहानी में आपके सामने पेश कर रहा हूं।
AKASHIC INTELLIGENCE ACCESS-part 1
अष्टभुजा माँ का चमत्कार
कुछ माह पहले ही मैंने यह सेशन लिया था एक महिला को उसके पिछले जन्म में ले जाने के दौरान। उसके पूर्व जन्म की यह कहानी बहुत सुंदर है उस महिला को जब मैं पिछले जन्म की यात्रा में ले गया तो वह अपने पिछले जन्म की कहानी कुछ इस तरह से मुझे बताने लगी।
विवेक- क्या दिख रहा है?
पूजा- एक आलीशान मकान है, महल जैसा।
विवेक- कौन सी जगह है ये? और कौन सी सन है?
पूजा- चौदहवी सदी के उत्तराखंड का एक बड़ा शहर है।
विवेक- क्या नाम है तुम्हारा? और क्या काम करते हो?
पूजा- सेठ शिखर चन्द्र लकड़ी का कारोबार उनका चारों ओर फैला है। घर पर खूब सारे नौकर चाकर रहते है।
विवेक- आगे बढ़ते चलो।
पूजा- खाना मैं चांदी के बर्तन पर खाता हूँ, दिन रात नौकर चाकर उनकी सेवा करते है, जैसे ही आसन से उठता हूँ, नौकर लोग गर्म पानी से पैर धोने आ जाते है।
विवेक- आगे बढ़ो।
पूजा- धन से भी समृद्ध होने के साथ-साथ राजदरबार में भी बहुत पेठ है मेरी। महामंत्री के बाद तीसरा ओहदा मेरा है। राज्य का वित्तीय लेनदेन मैं देखता हूँ। दरबार में कोई भी काम धन से जुड़ा हुआ मेरी आज्ञा के बिना नहीं होता था। राजा हर महत्वपूर्ण चर्चा पर मुझसे चर्चा करते थे जिससे दूसरे मंत्री लोग मेरे से बहुत जलते थे। मेरे ओहदे से वो चिढ़ते है।
विवेक- एक महत्वपूर्ण घटना में जाओ।
पूजा- जंगल से में गुजर रहा हूँ, घोड़ागाड़ी में। अंधेरा हो गया है।
अचानक कुछ लोग रोकते है हमे, मुझे दो लोग बांध देते है। बांध के एक अंधेरे कुएं में फेंक रहें है। घना अंधकार है, चारो और घना अंधकार है।
विवेक- कुंआ में पानी है?
पूजा- हाँ, आधा पानी है।
विवेक- फिर क्या होता है, तुम मर जाती हो?
मेरे प्रश्न करते ही, पूजा जोर से शुउ ऊऊऊ की आवाज़ करती है। मैं उसे सुरक्षित करने की कमांड करता हूं। और फिर प्रश्न करता हु, फिर क्या होता है? उत्तर सुनके मेरे रोंगटे खड़े हो जाते है।
शेष अगले अंक में.......
विवेक
अनंत प्रेम
अनंत प्रज्ञा