हनुमान जयंती पर करे, हनुमान जी के इस दशाक्षरी मंत्र का गुप्त प्रयोग
आज के दिन बजरंगबली की विधि-विधान से पूजा-अनुष्ठान करने वालों को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। उनको प्रसन्न करने और उनकी कृपा प्राप्त करने का आज सबसे उत्तम दिन है। इस दिन हनुमानचालीसा का पाठ करना सर्वोत्तम एवं सरल होता है। हनुमान जी का दशाक्षर मंत्र में, उनके वीर स्वरूप की अराधना की जाती हैं, ये प्रयोग शत्रु विजय, घोर संकट से ग्रस्त व्यक्ति के कष्ट नाश के लिए बहुत प्रभावशाली हैं।
मंत्र
हं पवन नन्दनाय स्वाहा
ये मंत्र हर प्रकार की बाधा को हटा कर, कार्य को जल्दी प्रगति दिलाने वाला है। बजरंगबली के पवन स्वरूप का इसमे आकाश बीज के साथ ध्यान हैं।
साधना विधि
🔸साधना आरम्भ करने के पहले हनुमान जी का ध्यान करे, और धूप दीप से पूजन करें।
🔸अगर रक्त चंदन की माला हो तो अति उत्तम, अन्यथा कोई भी माला चलेगी
🔸इस मंत्र के पुरुश्चरण की विशेषता यह है कि 6 हजार जप करने से एक पुरुश्चरण संपन्न होता है। कलयुग में साधक का स्तर निर्मल नहीं हो पाता इसलिए हमारा मत है कि यह साप्ताहिक अनुष्ठान 6 बार किए जाएं। 1000 जप के क्रम से 6 दिन में 6000 जाप करे, सातवें दिन निरंतर जप और हनुमान जी का ध्यान करते रहे। इस प्रकार से 6 हफ़्ते में 36000 मंत्र का जाप करें।
🔸 इस मंत्र का चमत्कार सात दिन में ही आपको दिखने लगेगा।
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विवेक
अनंत प्रेम
अनंत प्रज्ञा