Saturday, April 16, 2022

Powerful Mantra of Hanuman ji, to remove all obstacles

हनुमान जयंती पर करे, हनुमान जी के इस दशाक्षरी मंत्र का गुप्त प्रयोग


आज के दिन बजरंगबली की विधि-विधान से पूजा-अनुष्ठान करने वालों को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। उनको प्रसन्न करने और उनकी कृपा प्राप्त करने का आज सबसे उत्तम दिन है। इस दिन हनुमानचालीसा का पाठ करना सर्वोत्तम एवं सरल होता है। हनुमान जी का दशाक्षर मंत्र में, उनके वीर स्वरूप की अराधना की जाती हैं, ये प्रयोग शत्रु विजय, घोर संकट से ग्रस्त व्यक्ति के कष्ट नाश के लिए बहुत प्रभावशाली हैं।


मंत्र


हं पवन नन्दनाय स्वाहा


ये मंत्र हर प्रकार की बाधा को हटा कर, कार्य को जल्दी प्रगति दिलाने वाला है। बजरंगबली के पवन स्वरूप का इसमे आकाश बीज के साथ ध्यान हैं।


साधना विधि


🔸साधना आरम्भ करने के पहले हनुमान जी का ध्यान करे, और धूप दीप से पूजन करें। 

🔸अगर रक्त चंदन की माला हो तो अति उत्तम, अन्यथा कोई भी माला चलेगी

🔸इस मंत्र के पुरुश्चरण की विशेषता यह है कि 6 हजार जप करने से एक पुरुश्चरण संपन्न होता है। कलयुग में साधक का स्तर निर्मल नहीं हो पाता इसलिए हमारा मत है कि यह साप्ताहिक अनुष्ठान 6 बार किए जाएं। 1000 जप के क्रम से 6 दिन में 6000 जाप करे, सातवें दिन निरंतर जप और हनुमान जी का ध्यान करते रहे। इस प्रकार से 6 हफ़्ते में 36000 मंत्र का जाप करें।

🔸 इस मंत्र का चमत्कार सात दिन में ही आपको दिखने लगेगा।

अधिक जानकारी के लिए व्हाट्सप्प करे, 9937869363.


विवेक 

अनंत प्रेम 

अनंत प्रज्ञा



 

Wednesday, April 13, 2022

Have you ever wondered why More women are into healing field comapre to men


Sharing a wonderful discussion in one of my group.


Query- Sir namaskar 🌷🙏

Kuch b modalities ko learn krne mai bhale hi wo reiki ho, lama.fera ho, tarot card ya angel therapy ho ya aur b kuch ho to usme ladies ki jayada kyo hoti hai ...Mere many groups mai dekha hai ki 90% ladies hoti hai aapke group ho ya kisi aur ka ..Iska reason kya hai vese mere ko iska real reason pta hai but mai apaki ray jaanna chahta hu.



Vivek- We have two Brain one is Feeling brain, ( Right side brain), and another is Thinking Brain, ( Left brain). Generally the right brain is connected to left part of the body, and left brain is connected to right part of the body. 


One whose feeling brain is more active, become healer. Because they can sense the feeling, visualise anything clearly without any logic. 

Generally feeling brain is more active in female in compare to male. 


One whose thinking brain, remain more active can't feel anything, can't sense the energy, but they may do counselling very well. They can be good therapist.


Healing modality that combine both right and left brain give wonderful results.


साधारण शब्दो मे स्त्रियों में ममता का भाव स्वाभाविक होता है, वो जन्मजात हीलर ही पैदा होती है। जिसका भाव चक्र प्रवल हों वो हीलिंग आसानी से कर लेता है। पुरुष का स्वभाव logic का है, तो उनको हीलर बनने के लिए पहले अपने भाव चक्र को जागरूक करना होता है।



Vivek

Infinite love

Infinite wisdom


Monday, April 11, 2022

SECRETS OF BEEJ MANTRAS


𝙎𝙀𝘾𝙍𝙀𝙏𝙎 𝙊𝙁 𝘽𝙀𝙀𝙅 𝙈𝘼𝙉𝙏𝙍𝘼𝙎

There are said to be eight total beej mantra, that come under the term SHAKTI MANTRA, as they are commonly used in the worship of Shakti projecting various types of cosmic energies. Om is usually the foremost of these Shakti Beej mantra, with it there are, Aim, Hrim, klim, kreem, Shreem, Trim and Strim, as mentioned in MANTRA YOG SANHITA


Shakti mantra are the most important of all mantras, whether for meditation, energizing prana or for healing purpose. They carry the great forces of nature such as the energies of sun, moon, fire, electricity, magnetism. They project various aspects of force, and radiance for body, mind and consciousnes


Here I have mentioned various shakti that mantras carrie


Om- Pranic ener

Hreem- Solar energ

kreem- electric energ

Hum- Power of fir

Strim- power of stabilis

Aim- Energy of soun

Shreem- lunar energ

Klim- Magnetic energ

Hlim- Power to sto

Trim- power to transcend



This beej mantra is infused in various mantra to enhance the effect of Mant


Fore more info whatspp on 99378693


Viv

Infinite lov

Infinite wisdo




#spiritualawakening #awakening #spiritualgrowth #enlightenment #ascension #meditation #spiritualhealing #manifest #spirituality #spiritualjourney #lawofattraction #thirdeye #higherself #spiritual #conscious

#lightworke


rnessmeek63ra. pyydeeyygys.s..



Sunday, April 10, 2022

Vijay Rath

 विजय रथ



जीवन सुंदर अवसर है। भिन्न दृष्टि में जीवन को संघर्ष भी कहा जाता है। इस दृष्टिकोण में संसार शत्रु है। बेशक हमारे और संसार के बीच तमाम अन्तर्विरोध भी हैं लेकिन संसार को युद्ध क्षेत्र मानने वाले ‘विजय के सूत्र’ खोजा ही करते हैं। जीवन युद्ध में अनेक शत्रु हैं। आमने-सामने की लड़ाई युद्ध कहलाती है। शत्रु हम सबको क्षति पहुंचाते हैं। इस तरह क्षति पहुंचाने वाली सारी शक्तियां भी शत्रु हैं। पतंजलि ने योगसूत्रों में चित्तवृत्तियों को भी ऐसा ही बताया है। उन्होंने उनकी संख्या पांच बताई है। युद्ध या संघर्ष में विजय की इच्छा स्वाभाविक है। 


प्राचीन युद्धों में रथ एक आवश्यक उपकरण रहा है। रथ सवार योद्धा रथी थे और रथहीन योद्धा विरथी। श्रीराम के पास रथ नहीं था। रावण रथ पर सवार था। श्रीराम को रथविहीन देखकर सहयोगी विभीषण व्यथित हुए।


'बोले नाथ न रथ नहिं तन पद त्राना,

केहि विधि जितब वीर बलवाना।"


न रथ, न कवच और न पैरों में जूते तो आप रावण जैसे वीर को कैसे जीतेंगे?  


श्रीराम बताते हैं लेकिन विजय दिलाने वाला रथ लोहे का उपकरण मात्र नहीं होता


‘सुनहु सखा कह कृपा निधाना,

जेंहि जय होई सो स्वयंदन आना।’ 


यहां जिताऊ रथ दूसरा है। यह रथ मजेदार जिज्ञासा है। 



★ जीवन-रण के विजय-रथ में शौर्य और धैर्य रुपी दो पहिये होते हैं| 


• पथ की विषमता को देखकर बिना घबराये हुए आगे लेके चलते जाना शौर्य से संभव है। निरंतर इन विषमताओं के गड्ढों से टकराते हुए भी चलते जाना धैर्य से संभव है| इन दोनों के बीच रथ के पहियों की तरह संतुलन भी आवश्यक है, जितना अधिक शौर्य वाला पथ आप चुनेंगे, उतना ही धैर्य भी आपको रखना होगा!


★ सत्य और शील का ध्वज है। 


• रणभूमि में रथ पर सवार रथी की पहचान के लिए रथ पर ध्वज होता है, सत्य और शील ही विजय रथ की पहचान होती हैं।



★ शक्ति, विवेक, दम और परहित इस रथ के चार घोड़े हैं।



• जीवन के रण में विजय दिलाने वाले इस रथ के चार घोड़े हैं: बल, विवेक, दम और परहित यानी दूसरों की भलाई करना|


बल केवल शारीरिक ही नहीं, अपितु मानसिक भी होना चाहिए| विज्ञान में बल की परिभाषा है: जो चलते को रोक दे, गति या दिशा बदल दे, रुके को चला दे वही बल है| स्वयं इस परिभाषा से विचार कीजिये कि भगवान राम के विजय रथ का यह घोड़ा जीवन-रथ को किस प्रकार खींचता है!


विवेक का अर्थ है किसी भी बात के अलग अलग पक्षों को समझ पाना। विवेक की सहायता से ही हम जीवन  में कोई भी निर्णय ठीक प्रकार से ले सकते हैं| विवेक की नुकीली सुई से सूक्ष्म विवेचना के द्वारा ही व्यक्ति व समाज के चरित्र के शिल्प को सुन्दरता से गढ़ा जा सकता है| राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ जी भी अपनी कालजयी कृति रश्मिरथी में कहते हैं : “जब नाश मनुज पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है|” इतिहास साक्षी है कि जब-जब लोग विवेक के बजाय भावनाओं से काम लेने लगते हैं, विनाश के सिवा कुछ हाथ नहीं 


दम को कई बार बल का पर्यायवाची समझा जाता है, परन्तु इसका अर्थ थोड़ा अलग है। दम किसी भी परिस्थिति में दृढ़ता पूर्वक खड़े रहने का गुण है  बलवान होने पर भी व्यक्ति में अगर दम ना हो तो वह ज़रा सी भी विकट परिस्थिति में भाग खड़ा होगा| दिनकर जी ने भी अपनी महान कृति कुरुक्षेत्र में कहा है “जीवन उनका नहीं युधिष्ठिर जो उससे डरते हैं, यह उनका जो चरण रोप निर्भय होकर लड़ते हैं|”


अगर कोई महान लक्ष्य ना हो तो बाकी तीन घोड़े आपको कहीं भी नहीं ले जायेंगे! परहित का घोड़ा वास्तव में प्रेरणा का स्रोत है। लक्ष्य सिर्फ अपने तक सीमित रखना एक बहुत मामूली लक्ष्य है, स्वयं के लिए आप कितना ही कर सकते हैं, अपनी क्षमताओं को कितना ही विकसित सकते हैं? पर यदि आपने जीवन में दूसरों की सहायता का लक्ष्य साध रखा है, तो आप परहित के चौथे घोड़े से अपनी सीमाओं को निरंतर चुनौती देते हुए अपने बाकी तीन घोड़ों बल, विवेक और दम को भी पुष्ट बनायेंगे| इससे आपके स्वयं के सामर्थ्य में भी वृद्धि होगी और कुछ भी आपके लिए असंभव नहीं रहेगा।


★ ईश भजन सारथी है।


ईश भजन”का अर्थ है अपने आदर्शों को सदा अपने दिमाग में दोहराते हुए स्मरण रखना है| अपने आदर्शों की दृष्टि से ही इस रथ को कुशलतापूर्वक चलाया जा सकता है|


★ बिरति यानी वैराग्य चर्म यानी ढाल है| वैराग्य की ढाल मोह से हमारी रक्षा करती है| जीवन में कई गलत निर्णय मोह के कारण लिए जाते हैं| मोह हमें अपनी सीमाओं को लांघने से भी वंचित रखता है| स्वयं विचार करें की दैनिक जीवन में आपकी कितनी सारी चिन्ताएं मोह के कारण हैं!



★ संतोष कृपाण यानी तलवार है जो कि अति महत्त्वाकांक्षा को काटती है| जीवन में अगर संतोष न हो तो पल प्रतिपल और अधिक पा लेने की चिंता में बीतता है| अति महत्त्वाकांक्षा बड़े से बड़े शक्तिशाली लोगों को भी घुटनों पर ला सकती है| इसलिए संतोष की तलवार से अति महत्त्वाकांक्षा को काटते रहें|


संचय यानी कंजूसी के शत्रु के संहार के लिए दान रुपी परशु या फरसा है| कंजूसी मोह और आकर्षण से जन्म लेती है|दान के फरसे से कंजूसी को काटते रहने से धन-संपत्ति के मोह और आकर्षण से मुक्ति मिलती है, और आप स्वयं विचार कीजिये कि धन की चिंता ना हो तो जीवन कितना सुगम होगा 


★ बुद्धि प्रचण्ड शक्ति है और विज्ञान कठोर धनुष है 

ढाल, तलवार और फरसा पास के हथियार हैं, जिन्हें शस्त्र कहते हैं। इनसे पास स्थित शत्रुओं से लोहा लिया जा सकता है। अपने अन्दर के मोह, महत्त्वाकांक्षा और कंजूसी के लिए यह शस्त्र उपयुक्त हैं। पर दूर के शत्रुओं के लिए जिन हथियारों का प्रयोग किया जाता है, उन्हें अस्त्र कहते हैं। शक्ति ऐसा ही एक दिव्यास्त्र है: भगवान राम बुद्धि को दिव्यास्त्र बताते हैं और विज्ञान को दिव्यास्त्रों को चलाने वाला मज़बूत धनुष। यहाँ विज्ञान शब्द का प्रयोग बहुत महत्त्वपूर्ण है।



★ निर्मल अविचल मन तरकश है। एकाग्र चित्त, यम नियम बाण हैं।



अमल अचल मन त्रोण यानी तरकश के सामान है| तरकश में कई तीर रहते हैं| इसी प्रकार दिन-प्रतिदिन के जीवन रुपी युद्ध में बने रहने के लिए हमें अमल अचल मस्तिष्क चाहिए| विचारों में स्पष्टता और ईर्ष्या, क्रोध, घृणा आदि किसी भी प्रकार की दुर्भावना से मुक्त रहने वाला मस्तिष्क अमल है| सभी प्रकार के भटकावों से बचकर एकाग्र रहने वाला मन अचल है| निरंतर अभ्यास से अमल अचल मन प्राप्त किया जा सकता है| ऐसे मन में किस प्रकार के शिलीमुख यानी तीर रहते हैं? 


भगवान राम सम, यम और नियम को तीर बताते हैं|सम यानी दुःख सुख में सामान भाव रखना, यम और नियम महर्षि पतंजलि अष्टांग योग के दो अंग हैं।यम के अंतर्गत पांच सामजिक कर्त्तव्य आते हैं: अहिंसा (शब्दों, विचारों और कर्मों में ), सत्य, अस्तेय (चोरी न करना), ब्रह्मचर्य (इन्द्रिय के सुखों में संयम रखना) और अपरिग्रह (किसी भी चीज को जरूरत से ज्यादा  इकठ्ठा न करना)। नियम के अंतर्गत पांच व्यक्तिगत कर्त्तव्य आते हैं: शौच (शरीर और मन को साफ़ रखना) , संतोष, तप (स्वयं अपने अनुशासन में रहना), स्वाध्याय (खुद से अध्ययन करके अपनी समझ का विस्तार करना) और ईश्वर-प्रणिधान (अपने आदर्शों को ध्यान में रखना)। यम और नियम दैनिक जीवन के रण में अक्सर प्रयोग में आते हैं, इसलिए तरकश के तीरों से इनकी तुलना की गयी है।




★ गुरुजनों और विप्र यानी ज्ञानी लोगों के प्रति सम्मान रखना कवच है।


•जीवन की सभी समस्याओं का समाधान एक ही व्यक्ति के पास होना संभव नहीं है| इसलिए यह आवश्यक है कि दूसरों से सीखा जाये| यदि ज्ञानी लोगों के प्रति हमारा सम्मान बना रहेगा तो उनकी सहायता से जीवन में हमारे ऊपर होने वाले प्रहार सहन करने के लिए हम अधिक उपयुक्त बनेंगे|


ऐसे महान रथ का वर्णन करके भगवान राम कहते हैं कि इसके सामान जीवन में विजय पाने का कोई और उपाय नहीं है| जो कोई भी ऐसे महान रथ पर सवार होता है, उसके जीतने के लिए कहीं भी कोई भी शत्रु बचता ही नहीं है!


रामचरित मानस लंका काण्ड में वर्णित यह विजय रथ भारतीय जीवन मूल्यों का दर्शन दिग्दर्शन है। विजय पर्व के उल्लास में इसकी अनुभूति हमारे मन को प्रगाढ़ सांस्कृतिक मूल्यों से जोड़ती है। 


इस राम नवमी में, उपरोक्त सारे गुण आपके जीवन मे परिलक्षित हो, यही कामना है।


विवेक

अनंत प्रेम

अनंत प्रज्ञा

Wednesday, March 9, 2022

कैसे पहचाने की घर में बंधा नारियल या निम्बू नकारत्मक ऊर्जा दे रहा हैं?


कैसे पहचाने की घर में बंधा नारियल या निम्बू नकारत्मक ऊर्जा दे रहा हैं?


RESEARCH ARTICLE ON ENERGY VASTU SERIES-3 part 2

©विवेक


कल के लेख में आपने पढ़ा नारियल और निम्बू बांधने के विपरीत प्रभाव क्या हो सकते है, आज उसके आगे की कड़ी पढ़े। ध्यान रखे कल जैसे मैन स्पंज का उदाहरण दिया, जब वो क्षमता से अधिक सोखता है, तब वो leak करने लगता है, ऐसा ही नारियल और निम्बू के साथ होता है, जब उनकी अवधि या क्षमता समाप्त हो जाती है, तब वो नकारत्मक ऊर्जा leak करने लगता है। 


● हम सभी के अंदर कुदरत ने स्कैनिंग की शक्ति दी हुई है। मन को शांत रख के जहा आपने नारियल या निम्बू बांधे है, वहां जाए, महसूस करे आपके अंदर कैसे भाव आ रहे, शरीर मे कही कंपन महसूस हो रहा, या उस नारियल या निम्बू को शांत मन से देखे और देखने मे कैसा महसूस हो रहा, यदि आपको पहला विचार उसमे सही ऊर्जा का नही आ रहा तो आप उसे तुरंत हटा के विसर्जित कर दे, या किसी पेड़ के निचे रख दे। ध्यान रखें जो पहले विचार या भाव के प्रति होश रखना है।


● दूसरा लक्षण नारियल या निम्बू को अपने जिस कपड़े में बांधा हैं, उसको देखे, यदि वो फटा हुआ है, रंग उतरा या धागा निकला हुआ दिख रहा तो उसे तुरंत हटा दे। 


विश्वास माने हटाने के तुरंत बाद ही आप को शांति महसूस होने लगेगी।


क्या सावधानी रखें जब आप कोई भी उपाय करते है??


★ जैसा मैंने पहले बताया कि कोई भी बीमारी में दवाई की एक निश्चित अवधि होती है, वैसे ही हर उपाय की एक निश्वित समय सीमा होती है। ज़्यादा से ज़्यादा एक नारियल को आप एक वर्ष तक ही रखे, उसके बाद उसे विसर्जित कर दे। 


इसका एक अपवाद भी हैं, कुछ नारीयल शक्तिशाली स्थान द्वारा यदि दिए गए होते है, या आप उसपे पूजा करते है, वैसा नारियल पॉजिटिविटी को बढ़ाने वाला और बहुत सालो तक रखा जा सकता है। 


★ दीवाली पूजन का नारियल कलश के रूप में कई लोग साल भर रखते हैं, ध्यान रखे कलश का जल सूखते ही वो नारियल नेगेटिविटी देने लगता है। अच्छा होगा दीवाली पूजन के बाद उसे आप प्रसाद के रूप में ग्रहण कर ले।


एक व्यपारिक स्थल में हर साल वो इसी क्रम से चल रहे थे, हर दीवाली के नारियल को खाली बहुत बुरी अवस्था मे कही भी रख देते है, पूरी दुकान कि ऊर्जा बिगड़ी हुई थी, उसको हटाने के 6 महीने के बाद बहुत अच्छे परिणाम आने लगे।


★ काले कपड़े के नारियल कभी ना बांधे, ये सबसे खतरनाक नकारात्मक ऊर्जा का ट्रांसमीटर बन जाता है, आस पास की सारी नकारात्मक ऊर्जा को ये सोखने लगता है।


CASE STUDY


एक क्लाइंट के फैक्ट्री और घर मे उन्होंने ये बांध रखा था, किसी अघोरी के चक्कर मे, उस महाशय की आर्थिक स्थिति बहुत बिगड़ चुकी थो, और फैक्ट्री बेचना चाह रहे थे वो नही बिक रही थी, मैंने स्कैनिंग करते टाइम देखते ही उसे हटाने कहा, उसे हटाते ही पूरा एरिया क्लियर हो गया। 2 दिन के अंदर चमत्कारिक रूप से उनका काम हो गया।


★ यदि आप दुकान में पानी मे निम्बू रखते है, तो डेली चेंज करे, क्योंकि ऊर्जा बहुत जल्द चेंज होती है।


(नोट- ये सारे आर्टिकल मेरे एनर्जी वास्तु की शोध के पार्ट है, यदि ये लेख आपको पसंद आया तो आप इसे मेरे नाम के साथ शेयर कर सकते हैं।)


पिछला लेख पढ़ने के लिए नीचे दी गयी लिंक में जाये।


https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2505866949433678&id=100000311931444


©विवेक

अनंत प्रेम

अनंत प्रज्ञा

क्या आपने भी घर मे नारियल, निम्बू बांध रखा है ???

क्या आपने भी घर मे नारियल, निम्बू बांध रखा है ???



पढ़े आज के लेख में पूरा विज्ञान ।

©विवेक शर्मा

एनर्जी वास्तु की घर स्कैनिंग में, सबसे ज़्यादा नेगेटिविटी का कारण लोगो के द्वारा किये टोटके के द्वारा ही मैंने देखी। उपाय के लिए लोग घर मे नारियल और निम्बू बांधते हैं, और यही नारियल और निम्बू बाद में नेगेटिविटी देने लगता है। हम सभी बहुत से उपाय की विधियां जानते है, लेकिन उस उपाय की उत्तर क्रिया से हम सभी अनभिज्ञ है।

जिस प्रकार बुखार आने पर हम दवाई एक निश्चित दिन की अवधि में लेते है, साल भर उसी को नही खाते, वैसे ही हर निश्चित उपाय के लिए बांधे गए नारियल और निम्बू के साथ होता है।

जैसे एक स्पंज एक निश्चित मात्रा में ही पानी सोखता है, उससे ज़्यादा होने से पानी उससे ज़्यादा होने से पानी गिरने लगता है, वैसा ही नारियल या निम्बू एक निश्चित मात्रा में और अवधि में नकारत्मक ऊर्जा को सोखते है, उसके बाद वो नकारात्मक ऊर्जा संप्रेषित करने लगते है।

क्यो होता है नारियल और निम्बू का प्रयोग??

नारियल और निम्बू का एनर्जी फील्ड मानव के एनर्जी फील्ड से शक्तिशाली और बड़ा होता है, जब उसमे किसी भी प्रकार की भावना डाली जाती है, तो वो उस ऊर्जा को संप्रेषित करने लगता है। इसकी एक निश्चित समय सीमा होती है, ये समय सीमा स्थान, और वहां की एनर्जी पर निर्भर करती हैं। नारियल 20 से 50 मीटर को रेज मे ऊर्जा संप्रेषित कर सकता है, और बहुत वर्षों तक ऊर्जा को रख सकता है, वैसा ही निम्बू के साथ भी है। 

कुछ Case studies आपके साथ शेयर कर रहा जिससे आप समझ पाएंगे विज्ञान को:

1- एक व्यापारी ने सम्पर्क किया था, की दूकान में बैठने का मन नही होता, दिन भर तनाव बढ़ जाता है, और ग्राहकों से हर दिन क्लेश होता है, मैन जब वीडियो स्कैनिंग की, तब पूरी दुकान में नकारत्मक ऊर्जा आ रही थी, जब मैंने दूसरे उपकरण से देखा तो पाया कि किसी वस्तु के कारण ये नेगेटिविटी थी, मै समझ गया कि ये किसी नारियल या निम्बू के कारण होंगी। जब मैंने उनसे बात की तब उन्होंने बताया की उनके बैठने की जगह में नारियल बंधा है, 5 साल से, जब दूकान चालू की थी तब से। मैंने उनसे वो उठवाया और सिंपल वास्तु हीलिंग की, ये बात 2 वर्ष पहले की है, आज उनका काम पहले से ज़्यादा बढ़ चुका है। और वो शुक्रगुजार है।

2- सबसे interesting case studies में ये है, एक जॉइंट फैमिली में 4 भाई के परिवार रहते है। जब मैंने सभी की और घर की स्कैनिंग की तो एक भाई के पूरे परिवार में एक जैसी नेगेटिविटी पाई गईं। और सिर्फ उन्हीं के कमरे में ये नेगेटिविटी थी, मैं समझ गया कि ये किसी वस्तु के कारण है। जब मैंने उनसे पूछा कि आपने अपने कमरे में कुछ रखा है, पहले तो याद उन्हें नही है, लेकिन स्कैनिंग में एक पॉइंट जब मैंने बताया तो वहा उन्हें एक नारीयल मिला, जो उनके पति को किसी मंदिर के पुजारी ने रखने कहा था। मैंने जब उसे हटाया पूरा कमरा और उन लोगो की सभी की एनर्जी चेंज हो गयी। सबसे मजे की बात इनका एक लड़का दूसरे बंगलोर में रहता है, जब नारियल के पहले और बाद में वीडियो स्कैनिंग की नारियल इस स्थान से हटते ही उस स्थान की नेगेटिविटी भी चली गयीं। Energetic chord का ये सबसे best उदाहरण है। आज वो परिवार काफी खुश है।

शेष अगले आर्टिकल में कल पढे... कल के पोस्ट में पढ़े।

• कैसे पहचाने की घर में बंधा नारियल या निम्बू नकारत्मक ऊर्जा दे रहा हैं?

• क्या सावधानी रखें जब आप कोई भी उपाय करते है ??

(नोट- ये सारे आर्टिकल मेरे एनर्जी वास्तु की शोध के पार्ट है, यदि ये लेख आपको पसंद आया तो आप इसे मेरे नाम के साथ शेयर कर सकते हैं।)

घर की ENERGY SCANNING के लिऐ संपर्क करें, 9937869363.





Monday, March 7, 2022

LAMA FERA WORKSHOP

 ♦️LAMA FERA♦️ 

 (With ENERGY VAASTU)

💫 TRANSFORMING LIVES 💫


Do you want to manifest your life as you want?

Do you want to transform your life and see the miraculous change within you?

Do you want to heal and help many people?

Do you want to connect with divine energies of Lord Buddha?


Upcoming workshop

HYDERABAD- 27th March 2022

DELHI- 24th April 2022

MUMBAI- 1st May 2022

AHEMDABAD- 8th May 2022

BANGLORE- 22nd May 2022

GUWAHATI- 28th May 2022

KOLKATA- 11th June 2022


After healing thousands of client and teaching 

650+ students we have developed advanced LAMAFERA with scientific tools.

Introducing first time, BANDH MOKSHAN KRIYA and VASTU BANDHAN MUKTI KRIYA and advanced and secret technique. 

 

What different you will learn in our workshop and what you can do after learning? Pls Check all the 21 point.


💫♦️ 1-After workshop you are able to detect energy of space, house, person in distant and live too. You are able to heal them.

( Live demonstration)


💫♦️ 2- You are able to detect the root cause of problem and check the main reason. You can detect every paranormal activity.


💫♦️ 3- You can remove the root cause by POWERFUL HEALING TECHNIC that we have developed.


💫♦️ 4- You will learn KALCHAKRA MEDITATION, that will clear all the deep rooted karmic pattern.


💫♦️ 5- You can do ENTITY and BLACK MAGIC clearing, and you can heal chronic disease.


💫♦️ 6- You can do manifestation with the daily practice of Lama fera by the advanced technic developed by us.


💫♦️ 7- You can do ANCESTRAL, SOUL and KARMIC healing.


💫♦️ 8- VASTU BANDHAN MUKTI KRIYA is the beauty of Lama fera. You are able to remove the negativity of a house and Balance the VASTU of house. You are able to remove GEO PATHETIC STRESS, you don't have to buy any neutrailser for it. You can heal factory, industry.

(Live demonstration)


💫♦️9- You can charge any crystal and programme it in 5 second, you don't have to buy diffrent Crystal. (Live demonstration)


💫♦️10- You can balance chakra in 20 second. (Live demonstration)


💫♦️11- You will learn SATIK KRIYA for emergency healing.


💫♦️12- You can clear any space in distant. (Live demonstration)


💫♦️13- You can balance all your planet. You can heal the negative kundli dosh from your birth chart. ( Live demonstration).


💫♦️14- You are able to Heal any relationship with Lama fera.


💫♦️15- You can heal court cases and diffrent life issues.


💫♦️16 - You will able to access akash by LAMA FERA.


💫♦️17 - You will learn world most simplest but powerful mindfulness meditation.


💫♦️18- You can spread the compassionate energy everywhere so that you are able to help many people.


💫♦️19- You will learn secret Siddhikaran process founded by me by the guidance of SHAMBHALLA master so that you are able to apply divine energy of LAMA FERA in your life.

💫♦️20- You will learn the secret Tibetan mantra that will help you to open wisdom channel and bring a inner transformation within you.


💫♦️21- Revealing one more secret, BANDH MOKHAN KRIYA to remove all kind of bondage.


BUDDHA IN ME GREETS THE BUDDHA IN YOU.



Vivek Sharma- 9937869363



क्या भगवान राम ने भी की थी तांत्रिक उपासना?

 क्या भगवान राम ने भी की थी तांत्रिक उपासना? क्या सच में भगवान राम ने की थी नवरात्रि की शुरूआत ? भागवत पुराण में शारदीय नवरात्र का महत्‍व बह...