1- आनंद
2- विज्ञान
3- मन
4- प्राण
5- वाक्
इसमें आनंद कला युक्त मृत्युंजय शिवजी है। मृत्युंजय मन्त्र के प्रकाशात्मक वर्ण विभीन्न शक्ति से मिलकर जीवन को सबल औए सुरक्षित बनाती है।
विलोमाक्षर मृत्युंजय मंत्र प्रयोग
मृत्युंजय मंत्र चमत्कारी एवं शक्तिशाली मंत्र है। जीवन की अनेक समस्याओं को सुलझाने में यह सहायक है। अगर मन में श्रद्धा हो तो कठिन समस्याएं भी इससे सुलझ जाती हैं। किसी ग्रह का दोष जीवन में बाधा पहुंचा रहा है तो यह मंत्र उस दोष को दूर कर देता है। ग्रहबाधा, ग्रहपीड़ा, रोग, जमीन-जायदाद का विवाद, हानि की सम्भावना या धन-हानि हो रही हो, वर-वधू के मेलापक दोष, घर में कलह, सजा का भय या सजा होने पर, अपने समस्त पापों के नाश के लिए महामृत्युंजय या लघु मृत्युंजय मंत्र का जाप किया या कराया जा सकता है।
मंत्र जप में विशेष चैतन्य लाने के लिए और उसके प्रभाव को बढ़ाने के लिए विलोमाक्षर मंत्र का प्रयोग किया जाता है।
निम्न मंत्र का 108 बार जाप नित्य करे।
ॐ त्र्यम्बकम् यजामहे सुगन्धिम् पुष्टिवर्धनम् ।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय
माम्रतात् ।।
ॐ त् ता मृ मा य क्षी र्मु त्यो मृ न् ना न्ध ब व मि क रू र्वा उ।
म् न र्ध व ष्टि पु न्धिं ग सु हे म जा य कं म्ब त्र्य ।।
आप चाहे तो इस मंत्र से अभिमन्त्रित जल पीड़ित व्यक्ति को पिला सकते है। इसके अभिमन्त्रित जल को घर मे छिड़क सकते है।
विवेक
अनंत प्रेम
अनंत प्रज्ञा
गुरूजी क्या यह प्रतिदिन पड़ना चाहिए,या विराम बही देना चाहिए
ReplyDeleteGurujidid say nitya 108 times
DeleteThank you
ReplyDeleteThank you
Thank you
Sir do you have the secret Shiva mantra in English. Thank you
ReplyDeleteThank you Thank you Thank you 🙏
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