Thursday, February 18, 2021

REIKI- A magnetic flow

सभी दिव्यात्माओ को आत्मनमन, हम सभी के हाथों में दिव्य चुंबकीय गुण होते हैं, थोड़े से अभ्यास से हम इसे विकसित कर सकते हैं । निम्न प्रयोग करके आप खूद इसे महसूस करे ।

विवेक
हाथो में megnetic flow करे आसान से अभ्यास द्वारा"

शरीर में अगर कही सबसे ज्यादा प्राण शक्ति(आकर्षण शक्ति) का प्रवाह रहता है तो वो है.आँखे,
हाथो और पैरो की अंगुलिया
हाथो में प्राण शक्ति को महसूस कर सकते है अपने तर्जनी अंगुली को किसी दूसरे व्यक्ति के ललाट पर लेजाकर उसे छुए बगैर थोड़ी दुरी पर गोल गोल घुमाए जितनी देर में वो आपको अपने अंगुली को हटाने या अपने ललाट में हुए दर्द को बताता है उसके अनुसार अपनी आकर्षण शक्ति काम या ज्यादा होती है.
शरीर में प्रवाह करती प्राण शक्ति को हाथो की अंगुलिया के द्वारा दुसरो पर प्रभाव छोड़ा जा सकता है.
प्रयोग :-
1. शांत बैठ कर सामने एक तकिया रखे जो हम सोते वक़्त काम लेते है उस तकिये को चुम्बक मान ले और अपने हाथो को लोहे की रोड.
2. हथेली को तकिये के ऊपर ले जाकर खोल ले जैसे की हम स्कूल में प्रतिज्ञा के वक़्त करते है. याद रहे आपका हाथ पूरा सीधा हो.
3. तकिये के एक कोने से थोड़ा ऊपर हथेली को घुमाते हुए दूसरे कोने तक ले जाये ( जैसे की ऊपर के चित्र में चुम्बक के ऊपर की लाइन बनी हुई है.)
4. अपने हथेली को 15 -20 बार ऐसे दोहराये लेकिन हथेली तकिये से थोड़ा ऊपर हो और स्पर्श न कर सके.
5. कुछ दिन के अभ्यास से हमें हथेली में गर्मी या झनझनाहट सी महसूस होती है. ये प्राण शक्ति या आकर्षण शक्ति का प्रवाह ही है.
6. हमारे नित्य दिन के क्रियाकलाप में इस प्रयोग से कही पर भी प्रभाव डाल सकते है खासतौर से वह जहा हमें खुद को दिखाना होता है जैसे की मार्केटिंग के काम में ये आकर्षण शक्ति आपके हथेली के पौरो के माध्यम से सामने वाले पर प्रभाव डालती है.
विवेक
अनंत प्रेम
अनंत प्रज्ञा

No comments:

Post a Comment

क्या भगवान राम ने भी की थी तांत्रिक उपासना?

 क्या भगवान राम ने भी की थी तांत्रिक उपासना? क्या सच में भगवान राम ने की थी नवरात्रि की शुरूआत ? भागवत पुराण में शारदीय नवरात्र का महत्‍व बह...